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SEWABHARTI JAMMU KASHMIR & LADAKH

Athroot (Helping Hand )

सेवा भारती जम्मू कश्मीर द्वारा सामाजिक परिवर्तन

“अथरूट - महिला सशक्तिकरण प्रकल्प”

ऐसे तो जम्मू कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। इतिहास साक्षी है कि कभी कभी स्वर्ग में भी राक्षसो की उपस्थिती वातावरण को दूषित कर देती है। ऐसी ही एक घटना कश्मीर में 1989 में हुई। राष्ट्र विरोधी शक्तियों के पनपने से कश्मीरी हिंदुओं को अपनी धरती से अपने ही देश में पलायन करके विस्थापित जीवन बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पहले छावनी में, उसके पश्चात एक कमरे के घर में और अब दो कमरे के मकान में। एक ही ज़िंदगी में चार चार बार विस्थापन के कारण इन परिवारों का मानसिक संतुलन एक भयंकर स्थिति से गुज़र रहा है। आपसी कलेश, मानसिक असंतुलन के कारण एक दूसरे के साथ उलझना जीवन का हिस्सा बन चुका है। इस भयभय स्थिति को आकलन कर सेवा भारती जम्मू कश्मीर एक समाधान में पहुंचे कि किसी तरह इस कश्मीरी समाज को व्यस्त रखा जाए। इस विषय को सामने रखते हुए सेवा भारती ने पहले चरण में महिलों में आत्मविश्वास एवं हस्तशिल्प का हुनर सिखाने का कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया। शुरुआत में स्वयं सहायता समूह का प्रकल्प शुरू किया गया, परिणाम स्वरूप लगभग 70- 80 महिलाएँ एक साथ महीने मे एक बार बैठना एवं साकारात्मक चर्चा शुरू हुई।

दूसरे चरण में ये विषय सामने आया कि सहायता समूह के साथ साथ महिला प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू होना चाहिए । फिर सिलाई केंद्र, कश्मीरी आरी, कश्मीरी कढ़ाई, आदि का कार्य छोटे छोटे समूह के माध्यम से प्रशिक्षण का कार्य शुरू किया गया।

तीसरे चरण में ये विषय सामने आया कि प्रशिक्षण के साथ सशक्तिकरण भी आवश्यक है। प्रशिक्षण एवं सशक्तिकरण हेतु स्थान अनिवार्य है, ऐसा महसूस हुआ, इस उपलक्ष्य में छावनी प्रबंधक के साथ संपर्क किया गया और दो छोटे कमरे सेवा भारती को प्राप्त करवाए गए।

कमरा प्राप्त होने के पश्चात ये महसूस हुआ कि नित्य आवश्यक सामग्री का निर्माण कार्य शुरू किया जाए। सर्वेक्षण में ये विषय सामने आया कि शुद्ध हल्दी, मिर्ची, चावल का आटा – स्थानीय आवशकता के अनुकूल है। उत्पादित सामाग्री स्थानीय स्तर पर खपत हो सकती है।

आवश्यकता को देखते हुए सेवा कनाडा के सहयोग से दो कमरे के अतिरिक्त और दो विशाल कक्षो की स्थापना कर हल्दी मिर्ची आदि पीसने की दो चक्कियाँ लगाई गई। ऐसे ही भिन्न भिन्न हस्त कला आदि कार्य शुरू किए गए। आज प्रतिदिन लग भाग 130 महिलाओं 7 लघु उद्योग के माध्यम से अनुमानिक न्युनतम 800 रुपये से 4000 रुपये तक अर्थ ऊपार्जन करना शुरू किया है। ये एक हर्ष का विषय है कि इस लघु उद्योग स्थापना के पश्चात छावनी में परस्पर कलेश, नाकारात्मक चर्चा आदि कम हो गई है। स्थानीय महिलाओं में आत्म विश्वास जागृत हुआ है।

आज महिला वर्ग सपना देख सकती हैं कि हमारा लघु उद्योग एक दिन विराट रूप धारण करेगा। इस प्रकल्प का नाम अथरूट है, जो एक कश्मीरी शब्द है, जिसका अर्थ है आओ हम मिलकर चलें।

उद्योग के साथ साथ ये भावना भी मन के अंदर धीरे धीरे स्थान ले रही हैं कि बिछुडी हुए कश्मीर की धरती अपनी है और हम एक होकर अपनी जन्म भूमि में इसी जीवन में वापिस जाएंगे।

पता:   विष्णु सेवा कुंज, वेद मंदिर कॉम्प्लेक्स, अंबफला, जम्मू
ईमेल:  sewabhartijammu@gmail.com
Phone:  0191-2570750